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हैलो दोस्तों, मैं सिद्धार्थ हाज़िर हूं आप लोगों के सामने एक और नई कहानी के साथ। मैं bhauja.com का नियमित पाठक हूं, तो सोचा क्यूं ना अपनी ज़िन्दगी के कुछ खूबसूरत पल आप लोगों के साथ शेयर करूं।
मैं भुवनेश्वर का रहने वाला हूं। मैं अभी २३ साल का हूं और जिम रेगुलर जाने के वजह से बॉडी भी अच्छी है। चलिए अब कहानी पर आते हैं। ये ५ महीने पहले की बात है। मेरे मौसेरे भाई की शादी पास ही की गांव में तय हो गई। तो मुझे शादी की तैयारी करनेके लिए गांव आना पड़ा। शादी वाले दिन हम बारात लेकर निकल पड़े, गांव में बारात लेट ही आती है,तो हमे पहुंचते पहुंचते रात १२ बज गए। शादी है भाई की तो नाचना तो बनता है, दुल्हन के घर के पास तो और जोश के साथ नाचा जाता है क्यूं की भाई की सारी कमसिन सालियां तो वहीं मिलेंगी।
यूं ही नाचते नाचते मेरी नजर एक खूबसूरत हसीना पे टिक गई। मैं उसे ही देखते देखते नाचने लगा। क्या कहूं दोस्तो क्या लग रही थी वह। लाल लहंगे में गोरा बदन की वह कमसिन लड़की, उभार उसके ३६ के लग रहे थे जो उसके कपड़ों में कसी हुई थी, सपाट गोरी पेट और उसपे गहरी नाभि जिसको छूने को होंठ तरस रहे थे, उसकी वह हसीन आंखें, गुलाब की पखुड़ियों की तरह फूल हुए उसके गुलाबी होंठ, में तो उसमे खो गया था। कुछ देर बाद उसके नज़र मुझ पे पड़ी, आंखों से आंखें मिली और मैं और जोश से नाचने लगा, वह भी मुझे देखे जा रही थी और हम दोनों एक दूसरे को देख के अब मुस्कुराने लगे।
नाचना गाना ख़तम हुआ तो हम दूल्हे को लेके अंदर गए । दुल्हन की कुछ बेहने हमारे लिए कोल्डड्रिंक्स और स्नैक्स लेके आए। उनमें वह भी थी, में फिर उसे देख के मुस्कुराया और उसने शरमके मारे दूसरी तरफ मुंह कर दिया। भाई से पूछा तो पता चला कि वह भाभी की कजिन है जो भुवनेश्वर में ही पढ़ाई कर रही है। उसका नाम था दीपा। मैं दावत खाके शादी की रस्म में पहुंच गया। वहां वह नहीं दिखी, में थोड़ी देर इधर उधर देखा तो वह मुझे अपनी बहनों के बीच में मिलगई। उसने मुझे देखा और मुस्कुराके अपनी बहनों को छत पे बुलाया, उन्होंने मना किया तो उसने मेरी तरफ देख के बोला “” मुझे अच्छा नहीं लग रहा है यहां तो में छत पे। जारही हूं।”” और वह चली गई, में कुछ देर खड़ा रहा और फिर छत पे चला गया इधर उधर देखा अंधेरे में कुछ दिखाई नहीं दे रहा था तो मैंने फोन की लाइट ऑन कर दिया, वह एक कोने माए बैठी हुई थी। मुझे वहां देख के पहले चौंकी फिर मुस्कुराई और बोली “”मेरा पीछा कर रहे हो??
मैं: नहीं तो
दीपा: झूठ मत बोलो
मैं: तुम्हारा नाम क्या है??
दीपा: में क्यूं बताऊं??
मैं: दोस्ती करनी है तुम्हारे साथ।
दीपा: में तो तुम्हे जानती तक नहीं।
मैं: मेरा नाम सिद्धार्थ है और मैं भुवनेश्वर में पढ़ाई कर रहा हूं।
दीपा: हाय, में दीपा।
मैं: काफी खूबसूरत नाम है।
दीपा: थैंक यू
मैं और दीपा यूं ही बातें करते रहे और हमारी दोस्ती पक्की हो गई ।
दीपा की उम्र २१ साल की थी और वह अपनी ग्रेजुएशन भुवनेश्वर में वूमेंस कॉलेज में कर रही थी। हमने एक दूसरे से अपने नंबर भी शेयर किए।फिर शादी ख़तम हुई और मैं भुवनेश्वर लौट आया। हम दोनों की फोन पर घंटों बात होती रहती थी। यूं ही हम ने मिलने प्लान बनाया, और शाम को साथ में एक पार्क गए। वहां मैंने उसे प्रपोज किया और उसने भी हां कह दिया। मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा और मैं उसको बाहों में लेकर उसके होठों को चूसने लगा उसने भी मुझे कसकर पकड़ लिया और मेरा साथ देने लगी। चूंकि वहां बहुत अंधेरा था तो कोई हमें देख नहीं सकता था हमने तकरीबन ५ मिनट यूं ही एक दूसरे के होंठों को चूसते रहे। सांस लेने के लिए हम रुके, हम दोनों एक दूसरे को देख के मुस्काए और फिर से एक दूसरे के होंठो के रस पान करने लगे। मैं उसके टीशर्ट उठाके उसके कमर को कसके पकड़ लिया और उसके गले और कान में किस करने लगा। उसने मुझे वहीं रोक दिया और बोला ये जगह ठीक नहीं है। मैं भी सहमत था । फिर थोड़ी देर बाद मैं उसे लेकर उसके हॉस्टल में छोड़ दिया। अगले दिन शनिवार था । तो इस वीकेंड को मैंने पूरी जाने का प्लान बनाया, सबको शायद मालूम होगा पूरी अपनी समुद्र तट के लिए जाना जाता है। मैंने उसे कहा तो वह बोली ठीक है मैं हॉस्टल में घर जाने का बहाना बना दूंगी।
उस दिन ३ बजे मैंने उसे उसकी हॉस्टल से पिक करके पूरी के लिए अपनी बाइक पे निकल आया। हम पूरी ५ बजे पहूंच गए। हमने एक होटल में रूम बुक किया जो सी बीच के पास ही था। मैं एक शॉर्ट पैंट और बनियान और वह एक मिनी स्कर्ट और व्हाइट टॉप पहन के बाहर आयी। फिर हम समुंदर में नहाए और ढेर सारी मस्ती की वहां मैंने उसके दोनों स्तन को मसलता रहा चूंकि हल्का अंधेरा था तो बहत से कपल भी अपने अपने काम में लगे हुए थे । फिर मैं रेत पे बैठा और वह भी मेरी गोद में बैठ गई। थोड़ी देर किस करने के बाद हमसे रहा नहीं गया और हम अपने कमरे के तरफ चल पड़े।
रूम में घुसते ही मैंने कुण्डी लगा दिया और उसे बाहों में भर लिया और उसके होंठों के रस पीने लगा। वह भी किसी भूखी शेरनी की तरह मेरे होंठो को चूम और काट रही थी मैंने उसकी टॉप को निकाल के फेंक दिया और उसकी ब्रा भी निकाल दी। उसने मेरे बनियान निकाल के फेंक दी अब हम ऊपर से बिल्कुल नंगे एक दूसरे से लिपटे एक दूसरे के होंठों का रस पान कर रहे थे । मैंने उसे बेड पे धकेल दिया और उसकी ऊपर आके उसके स्तनों को मसलने लगा और उसके गले को दांतों से काटने लगा। वह दर्द और मजे के मिले जुले एहसास के साथ सिसकियां के रही थी। मैंने उसके दोनों चूचों को दबाने के साथ उसके निपल्स को भी चूसने और काटने लगा, वह दर्द से थोड़ा कराह रही थी और धीरे धीरे काटने को बोल रही थी , में अपना कंट्रोल खो रहा था । उसके बदन से आ रही भीनी खुशबू मेरे होश उड़ रहे थे। धीरे धीरे वह भी मजे की समंदर में गोते लगाने लगी उसकी सिसकारियां तेज़ होने लगी। मै उसके स्तनों को दबाते हुए नीचे जाने लगा उसके नाभि में जीभ डाल के चूसने लगा और उसके पेट काटने लगा। उसके स्कर्ट को उतार फेंका और उसकी मखमली गोरी चूत को देख के खो गया। उसके बिना बालों वाला चूत देख के मेरे मुंह में पानी आ गया। मैं बिना देर किए उसके चूत पे अपना जीभ टीका दिया और चाटने लगा , उसकी सिसकारियां और तेज़ हो गई उसने मेरे सर को अपने चूत पे दबा दिया मैंने भी उसकी चूत के अंदर तक अपनी जीभ डाल के चाटने लगा। थोड़ी ही देर में उसने अपना पानी मेरे मुंह में छोड़ दिया और उसका सारा पानी में गटक लिया। उसने मेरी तरफ मुस्कुराके देखा और मुझे बेड पे लिटा दिया और मेरे पैंट उतार दिया और मेरे नागराज जो कब से खड़े थे उन्हें देख के एक नॉटी मुस्कान दिया और मेरे लन्ड को किस करने लगी फिर मेरे आंखो में आंखे डाल के सुपाड़े को अपने मुंह के अंदर लिया और चूसने लगे। सिसकारी लेने के बारी मेरी थी, क्यूं की जिस तरह वह मेरा लन्ड चूस रही थी कोई कह भी नहीं सकता कि ये पहली बार लंड चूस रही थी। तोह मैंने भी पूछा ऐसे मस्त लंड चूसना कहां। से सीखा तो उसने बताया कि पोर्न देख के।
मैंने भी ज़्यादा कुछ सवाल किए मज़ा लेने लगा , पर अब नागराज गुफा में घुसने। के बेताब थे, तो मैंने ज़्यादा देर करना ठीक नहीं समझा। मैंने उसे बेड पे लिटा दिया और उसके कूल्हे के नीचे तकिया रख दिया। फिर अपने सख्त लंड को उसकी चूत पे रगड़ ने लगा उसने कहा पहली बार है तो मैंने बाथ रूम से बॉडी लोशन निकाल के चूत और लंड पे लगा लिया और उसके चिकने चूत पे लंड टीका के जोर दार धक्का मरा तो सुपाड़ा अंदर चला गया और वह जोर से चिल्ला उठी , सुक्र था जो रूम साउंड प्रूफ था वरना पूरा होटल में उसकी आवाज़ सुनाई देती। मैंने उसकी होंठो को चूसने लगा और उसकी निपल्स को सहलाने लगा जब उसकी दर्द थोड़ा कम हुआ मैंने एक और धक्का लगाया तो मेरा आधा लंड अंदर चला गया और फिर उसने चिल्लाना शुरू किया, मैंने उसकी निपल्स को मुंह में लेके चूसने लगा, और उसकी दर्द काम होती गई उसने हल्के से अपना कमर हिलाई तो मैंने भी आधा लंड से उसको धीरे धीरे चोदने लगा । उसने मेरे आंखों में देख के पूरा डालने को बोल दिया और मैंने भी एक और जोरदार धक्का लगा दिया और पूरा लंड अंदर चला गया।
थोड़ी देर ऐसे ही रहने के बाद मैंने धीरे धीरे उसको चोद ने लगा, उसको थोड़ा थोड़ा दर्द था पर थोड़ी देर में उसको भी मजा आने लगा और वह धीरे धीरे अपनी गांड़ उठा कर चुदवाने लगी, धीरे धीरे मेरी भी गति बढ़ ने लगी और मैं ज़ोर ज़ोर से धक्का लगाने लगा । ५ मिनट चोदने के बाद मैंने उसे अपनी गोद में बिठाकर लंड को चूत ने डाल कर उसकी चूचियों को मसल कर चोद ने लगा, में नीचे। से धक्का लगते रहा और उसकी चूचियों को अपने होंठो से चूसने लगे। हमारा बदन पसीने से लथपथ था , उसकी बदन पर पसीना की खुशबू मुझे पागल बना रहा था ।
मैंने उसे घोड़ी बना दिया और पीछे आ गया। उसकी पीठ पर अपनी दांत गडा के उन्हें काटने लगा और उसकी गान्ड पे थप्पड़ जड़ा, वह चिल्ला उठी । फिर मैंने पीछे से उसकी चूत पे लंड रगड़ के धक्का मारा और एक झटके में पूरा लन्ड अन्दर डाल दिया । उसकी चूचों को मसलता हुआ मैं धक्का मारने लगा। हम दोनों अब मजे के लहर में तैर रहे थे। रूम में सिर्फ हम दोनों। कि सिसकारियां सुनाई दे रही थी , अब दीपा भी मुझे जोर जोर से चोदने को कहने लगी, और मैं भी अब बिना किसी हिचक के उसकी चूत का भोसड़ा बनाने में लग गया। हमने तकरीबन २० मिनट ऐसे। हि चुदाई करते रहे और इसी बीच वह तीन बार झड़ चुकी थी। अब झड़ने की बारी मेरी थी, उसने अन्दर झड़ने को बोला। ये उसकी पहली चुदाई थी तो मैं भी उसे भरपूर आनंद देते हुए उसकी चूत को अपनी गरम वीर्य से लबालब भर दिया। इस लंबी चुदाई के बाद हम दोनों थक के बेड पे गिर गए। वह मेरे सीने मैं अपना सर रख के लेट गई। थोड़ी देर बाद मेरी आंख खुली तो देखा वह वैसे ही। सो रही थी, मुझे उसे देख कर प्यार आगया मैंने उसके माथे पे और होंठो पे किस किया तो वह कस मसा के उठी और मुझे अपने बाहों में भर लिया और बोली “”आई लव यू सो मच जान””, तुमने मुझे आज मुझे वह सुख दिया जो हर एक लड़की अपनी पति से चाहती है, मैंने तुम्हे अपना सब कुछ सौंप दिया और तुम मुझे इसी तरह प्यार करते रहना””। मैंने मुस्कुराके उसको अपनी प्यार का इजहार किया और उसको अपने गोद में उठाकर बाथरूम ले गया, वहां गर्म पानी से उसकी चूत की सिकाई की तो उसे थोड़ा आराम मिला। फिर हम दोनों ने मिल कर नहाया और वहां भी एकदुसरे से ढेर सारा प्यार किया। फिर हम दोनों फ्रेश होके डिनर किया । मैं बाहर से पेन किलर और i-pill की गोली ले आया।
उसको पेन किलर खिलके उसको बाहों में भर लिया और रात मैंने उसे और बार चोदा। अगले दिन संडे था तो हमने थोड़ी देर घुमा बाइक में और फिर रूम में आके एक दूसरे में समा गए। उस रात को भी उसके साथ रात भर सेक्स का आनंद लिया। और फिर अगले दिन सुबह को हम वापिस आ गए। आज तक हम एक दूसरे के साथ हैं और कई बार हमने सेक्स का मज़ा उठा लिया है। अब उसका बदन पूरा खिल गया है। और हम। एकदुसरे के साथ बोहत खुश हैं।
आशा करता हूं आप सब को मेरी कहानी पसंद आई होगी। आप अपना मूल्यवान राय अवश्य ही दीजियेगा। शुक्रिया।
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Writer: Siddharth mohanty